नामुमकिन को, मुमकिन कैसे बनाएं। एक दिन, आनंद के पिता ने उसे एक शर्ट दी और कहा कि इसे 5 डॉलर में बेच कर आओ। आनंद सोच में पड़ गया- कि इस शर्ट की कीमत, 2 डॉलर थी, अब इसे 5 डॉलर में कौन लेगा। लेकिन वो उसे बेचने के लिए, बाजार चला गया। और उस शर्ट को बेचकर, रात 8 बजे, वापस घर पहुंचता है और अपने पिता को कहता है- ये देखिए पिता जी, मैंने इसे 5 डॉलर में बेचा। तभी, उन्होंने आनंद को एक और शर्ट दी और कहा कल इसे 10 डॉलर में बेच कर आना।
जब वापस आया, तो उसके पिता जी ने एक और शर्ट दी और कहा - अब तुम्हें इसे 300 डॉलर में बेचना है। आनंद रात भर सोचता रहा कि अब क्या करूं। तभी, उसे कंचन से पता चला कि पास के मॉल में एक अभिनेता आ रहे हैं। तब उसने दिमाग लगाया कि अगर इस शर्ट पर उनका ऑटोग्राफ मिल जाए, तो यह शर्ट अच्छी कीमत में बिक जाएगी। वो सुबह ही मॉल चला गया और जैसे-तैसे करके, उस शर्ट पर, अभिनेता का ऑटोग्राफ ले लिया। फिर मॉल के बाहर उस शर्ट को बेचने लगा। वहां कई लोग जमा हो गए। आनंद ने कहा- इसकी कीमत 300 डॉलर है, तभी भीड़ में से आवाज आती है- मैं 500 डॉलर दूंगा, यह शर्ट मुझे दे दो। तभी किसी और ने कहा- 800 डॉलर, किसी ने कहा- 1000 डॉलर और किसी ने कहा मैं, 2 हजार डॉलर दे सकता हूं।
आनंद घर वापस आया और, खुश होकर बोला- पिता जी, यह देखिए मैंने इस शर्ट को 2000 डॉलर में बेचा है। तब उसके पिता ने उसे गले लगाया और कहा- तुम्हें इसलिए, इसकी सही कीमत मिली, क्योंकि तुमने इस काम को, एक अलग नजरिए से देखा। इस कहानी का सार यही है कि कभी भी यह मत सोचो कि- कोई भी काम, आपसे होगा या नहीं। यह सोचो कि उसे कैसे करना है। जितने भी सफल लोग हैं, वो इसलिए सक्सेसफुल हुए, क्योंकि उन्होंने कुछ हटकर सोचा।